देहरादून के शहरी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा सुधार के लिए प्रशासन ने उठाया कदम

देहरादून जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल उस वक्त खुल गई जब डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में प्रशासन की चार टीमों ने बुधवार सुबह तड़के पीपीपी (PPP) मोड पर संचालित 12 शहरी अस्पतालों पर एक साथ छापेमारी की।

DM के छापे में नदारद मिले डॉक्टर

छापेमारी में चौकाने वाले हालात सामने आए। ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टर नदारद मिले, एएनएम, लैब टेक्नीशियन और नर्स की सिर्फ कागजों पर ‘भूतिया एंट्री’ पाई गई। कई जगह दवाएं आधी मिलीं, सफाई और सुरक्षा राम भरोसे छोड़ दी गई थी। डीएम ने मौके पर ही संबंधित कंपनी पर 5 लाख रुपये का प्रारंभिक अर्थदंड ठोका और फर्म का एमओयू टर्मिनेट करने की सिफारिश मुख्य सचिव को भेज दी।

काल कोठरी’ जैसे हालातों में मिले अस्पताल

निरीक्षण में पाया गया कि बच्चों और महिलाओं के टीकाकरण के लिए जरूरी कोल्ड चैन मेंटेन रखने वाले जेनरेटर सेट गायब थे। अस्पतालों में न तो साफ पानी की व्यवस्था थी और न ही मरीजों के बैठने की। कुछ केंद्र तो ऐसी हालत में मिले मानो किसी ‘काल कोठरी’ से चल रहे हों। पिछले कुछ समय से अर्बन पीएचसी केंद्रों की अव्यवस्था की शिकायतें लगातार डीएम को मिल रही थीं। इसी के बाद DM, CDO, SDM सदर और SDM मुख्यालय ने अलग-अलग टीम बनाकर छापेमारी की।

फर्म का कॉन्ट्रैक्ट किया जाएगा खत्म

जांच में सामने आया कि अस्पताल एमओयू (MOU) मानकों के मुताबिक सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम रहे हैं। अब कंपनी पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जाएगा और प्रशासन ने साफ संकेत दिए हैं कि इस फर्म का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दूसरी व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन की इस कार्रवाई से Hospitals running on PPP mode में हड़कंप मच गया है।

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